Kanyadan Quotes In Hindi | बेटी की विदाई पर खूबसूरत भावुक सन्देश
Kanyadan Quotes In Hindi, नमस्ते दोस्तों आज हम, बेटी की शादी की विदाई के वक्त कन्यादान की रस्म पर भावुक देने बाले खूबसूरत सन्देश लेकर आये है। वो पल कितना भावुक होता है जब पिता के गले लगकर रोटी हुई कहती है बेटियाँ, पापा में आपको छोड़कर नहीं जाऊँगी। बाबुल की आँखों में खुशी ओर दुख के आशु एक साथ उठते होंगे। हर रोज झगड़ने वाला भाई पिता की तरह ख़ामोश रहता है। दोस्तों हमारे द्वारा तैयार किये गए ये (Heart Touching Papa Beti Vidai Shayari) कन्यादान पर मोटिवेशनल कोट्स आपको कैसे लगे हमें कमेंट करके जरूर बताये। हम चाहते है आप हमेशा स्वस्थ रहे और सहद से तन्दुरुस्त रहे। बहुत अच्छा बीते
अपनी लाडो को बड़े प्यार से पाला है।
दुनियाँ की हर बुराई से इसे संभाला है।
सौंपता हूँ आपको मेरे दिल की धरोहर।
ये मुझ – गरीब की मोतियों की माला है।
कितनी नादान है ये बेटियां।
पिता की जान है ये बेटियां।
घर का सम्मान है ये बेटियां।
दो कुलों का मान है ये बेटियां।
बेटी है पराया धन पिता को छोड़ कर जाएगी।
अब वो किसी और के घर की शोभा बढ़ाएगी।
उस वक्त कैसे संभालेगा अपने दिल को पिता।
जब कन्यादान की वो शुभ रस्म निभाई जाएगी।
जब सारी रस्मे अदा हुई बेटी के व्याकुल स्वर ने बाबुल को झकझोर दिया।
वह पूछ रही हो मानो ऐसा क्या बापू सच में आज तुमने मुझको छोड़ दिया।
बाबुल के आँगन की फुलवारी थी वो माँ की राजदुलारी थी वो।
भाई की नटखट दोस्त थी और पिता की राजकुमारी थी वो।
बड़ा ही कठिन होता है, समय बेटी की बिदाई का।
बहुत मुश्किल है सहना गम ये बेटी की जुदाई का।
कुदरत की इस रीति को हर एक पिता को निभाना पड़ेगा।
छोड़कर पिता के घर को – बेटी को एक रोज जाना पड़ेगा।
Kanyadan Quotes In Hindi
बाबुल के ह्रदय को बेटी के आँसुओं ने किया झकझोर है।
आज सबकी आँखों में नीर है, सबके मन भाव – विभोर है।
इस रीती को निभाया जनकदुलारी सीता सु कुमारी ने भी।
विदाई के वक़्त बेटी के जनक का दिल कितना कमज़ोर है।
जैसे वो कल की ही बात है चहकती थी एक चिड़िया मेरे आँगन में।
उसकी नादानी कब पराई हो गई, आँखों में नीर भर गई सावन में।
जा – रही है बेटी आज, अपने पिता का घर छोड़ के।
बाबुल के दिल का टुकड़ा बाबुल को रोता छोड़ के।
माँ – बाबुल दुआएं लेती जा, बेटी तुझको सुखी संसार मिले।
माँ पिता याद ना आए तुझको ससुराल से इतना प्यार मिले।
जिसकी मुस्कान ने पूरे घर को ख़ुशी में बदल दिया।
आज महलों में जाकर माटी के घर को छोड़ दिया।
एक खूबसूरत गुलदस्ता थी वो पिता के चमन का।
आज उस फूल ने अपने बाबुल का घर छोड़ दिया।
आज सारे – रिश्तों को भुला दिया उसने।
बाबुल को अपने आज रुला दिया उसने।
उसकी निगहों में ख़ामोशी के बादल थे।
आज बेटी के फ़र्ज़ से जुदा किया उसने।
मेरा तकिया मेरा कम्बल मेरा चश्मा अब कौन लेकर आएगा।
कही गहरी नींद में ना सो जाऊँ पापा कहकर कौन जगायेगा।
सच आज माना बड़े ही कठिन है इस दुनियाँ के रीति और रिवाज़।
अब कहा सुनने को मिलेगी वो गुस्से से बोलने वाली मीठी आवाज़।
पिता की सारी थकान दूर जब बेटी मुस्कुराती है।
ये भाग्य की खुशियाँ है – जो अम्बर से आती है।
इनको ना गैर समझो – कभी बेटों की चाहत में।
ये बेटियाँ कुदरत के घर से -धरती पर आती है।
बेटी की विदाई पर खूबसूरत भावुक सन्देश
हर घर की बेटियों को खुश रखना ऊपर वाले।
बेटी कन्यादान की रस्म से ही दिल धड़कता है।
बनाकर घर तोड़ दिया ऐसे दिल मेरा तड़पता है।
बेटी की विदाई से इन आँखों में नीर झलकता है।
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