Krishna Sudama Shayari Image | Friendship Quotes In Hindi

कृष्णा और सुदामा की दोस्ती पर खूबसूरत सन्देश।
Krishna Sudama Shayari Image | Friendship Quotes In Hindi

Krishna Sudama Shayari Image | Friendship Quotes In Hindi

 

 

Krishna Sudama Shayari Image, दोस्तों कृष्णा और सुदामा की दोस्ती अमीरी और गरीबी के उस मंजर को दर्शाती है। जहा पर एक दोस्त राजा होते हुए भी अपने पाठशाला के गरीब मित्र जिसके अंग वस्त्र भी कई जगह से फाटे हुए है मालीन है। वह सबके सामने गले से लगाना और उसे अपने निजी आसान पर बैठना। ऐसी दोस्ती निभाना एक बहुत बड़ा मुश्किल काम होता है। आज की दुनिया में, ऐसा काम केवल एक सच्चा मित्र ही कर सकता है। तो मित्रों पेश है मित्रता के नाम पर खूबसूरत सन्देश। दोस्तों आपको हमारे द्वारा तैयार किये गए सन्देश कैसे लगे हमें कमेंट करके जरूर बताये। अपना ख्याल रखे खुश रहे। वंदेमातरम – जय माता दी

 

 

कृष्णा और सुदामा की दोस्ती पर खूबसूरत सन्देश।

 

सुदामा

बहुत दूर से आया है तेरा यार सुदामा।
गले से मुझे एक बार लगा लो कृष्णा।
इस ज़िन्दगी ने मुझे बहुत ठोकरे दी है।
मुझे दो पल ही सही अपना बना लो कृष्णा।

 

कृष्णा

में तो वर्षों से बस तेरी ही रह तक रहा था।
न जाने आखिर तू क्यों इतनी देर से आये रे।
मुझे तो हर घडी बस तेरी ही प्रतिक्छा थी।
बड़ा निर्मोही है तू कितनी अबेर से आया रे।

 

कृष्णा

गुरुकुल के जैसे आज भी तुम इस पोटरी में कुछ छुपा रहे हो मित्र।
क्या लाये हो जो भाभी ने मेरे लिए भेजा ये तनुल बड़े स्वादिष्ट है मित्र।

 

इन मुट्ठी भर चावल की कीमत तुम क्या जानो सुदामा।
ये भाभी माँ के सच्चे और स्नेह भाव की निशानी है मित्र।
अरे इन मुठी भर चावल में तीनो लोक दान कर दूँ मित्र।
तुम अमृत लेकर आये हो और हमसे छुपाये रहे हो मित्र।

 

यहाँ जिसने भी दोस्ती सच्ची दिल से निभाई है।
हालातों ने सबसे ज़्यदा उसकी हँसी उड़ाई है।

 

Krishna Sudama Shayari Image

 

प्यारी मित्रता तो हर तरफ बिखरी पड़ी है।
बस सच्ची दोस्ती निभाने वाले की कमी है।

 

देख लो कृष्ण और सुदामा की धन – से बड़ी दोस्ती।
एक राजा है दूजा फ़कीर – दिल, ब्राम्मण की दोस्ती।
एक के अंग वस्त्र हिरे से जड़े है। दूसरे के तंग धोती।
निभाने वाले तो आज भी निभाते है कृष्ण जैसी दोस्ती।

 

अरे कहां थे कितने दिनों के बाद मिले हो मित्र तुम।
क्या इतने दिनों में तनिक भी याद नहीं आई हमारी।
बड़े निठुर हो कहा छुपे बैठे थे इतने समय तक।
जरा ये बताओ बस इतनी सी ही दोस्ती थी तुम्हारी।

 

मेरा तेरे जैसा यार कहाँ है, और कहाँ है ऐसा याराना।
आज – देखेगी दुनियाँ सारा आसमान और ये जमाना।

 

तेरी दोस्ती के हम हुये गुलाम।
मुझसे और मेरी ज़िंदगी से भी
बहुत बड़ी है यारा तेरी दोस्ती।

 

ये मेरे मित्र हम बहुत अजीब सा दोस्ताना करते हैं।
अगर सच्चा है दोस्त तो जान भी हतेली पर रखते है।

 

मित्र जिस्म से जान तक सच्ची दोस्ती का रिश्ता होता है।
एक सच्चा वफादार दोस्त हजार रिश्तेदारों से अच्छा है।

 

अगर दोस्त अपने दोस्त सेसच्ची दोस्ती दिल से निभा लेता है।
एक सच्चा दोस्त बिना तेरे बातये तेरे हर जज़्बात पड़ लेता है।

 

वह दोस्ती ही क्या है – जो वक़्त के साथ बदल जाए।
दोस्त को मुश्किल में देखकर कदम पीछे हट जाए।

 

 

 

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